भारत में कुपोषण
June 12, 2021कुपोषण

भारत की 14 फीसदी आबादी कुपोषण की शिकार है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 3.7 प्रतिशत थी. इसके अलावा ऐसे बच्चों की दर 37.4 प्रतिशत थी, जो कुपोषण के कारण बढ़ नहीं पाते.
कुपोषण
- कुपोषण (Malnutrition) वह अवस्था है जिसमें पौष्टिक पदार्थ और भोजन, अव्यवस्थित रूप से लेने के कारण शरीर को पूरा पोषण नहीं मिल पाता है और जिसके कारण गंभीर स्थिति पैदा हो जाती है।
- कुपोषण तब भी होता है जब किसी व्यक्ति के आहार में पोषक तत्त्वों की सही मात्रा नहीं होती है।
भारत में कुपोषण का प्रभाव
- बच्चों और महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे वे आसानी से कई तरह की बीमारियों के शिकार हो जाते हैं।
- स्त्रियों में रक्ताल्पता या घेंघा रोग अथवा बच्चों में सूखा रोग या रतौंधी
- सबसे भयंकर परिणाम इसके द्वारा होने वाला आर्थिक नुकसान है। कुपोषण के कारण मानव उत्पादकता 10-15 प्रतिशत तक कम हो जाती है जो सकल घरेलू उत्पाद को 5-10 प्रतिशत तक कम कर सकता है।
- GDP को तकरीबन 4 प्रतिशत का नुकसान
भारत में कुपोषण की स्थिति
‘द स्टेट ऑफ द वर्ल्डस चिल्ड्रन 2019‘ के अनुसार, दुनिया में पांच साल से कम उम्र का हर तीसरा बच्चा या दूसरे शब्दों में 70 करोड़ बच्चे कुपोषण का शिकार है ।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 14 फीसदी आबादी कुपोषण की शिकार है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 3.7 प्रतिशत थी. इसके अलावा ऐसे बच्चों की दर 37.4 प्रतिशत थी, जो कुपोषण के कारण बढ़ नहीं पाते.
वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2020 जारी किया गया, जिसमें भारत 107 देशों में से 94 वें स्थान पर रहा,
- एक युवा कार्यशील जनसंख्या वाले देश में कुपोषण जैसी समस्या आर्थिक महाशक्ति बनने के प्रयासों में बाधक है
भारत में कुपोषण के कारण
- क्रय शक्ति कम होने के कारण गरीब परिवारों के लिये आवश्यक मात्रा में पौष्टिक आहार क्रय करना मुश्किल हो जाता है
- देश में पौष्टिक और गुणवत्तापूर्ण आहार के संबंध में जागरूकता की कमी स्पष्ट दिखाई देती है जिसके कारण तकरीबन पूरा परिवार कुपोषण का शिकार हो जाता है।
- पोषण की कमी और बीमारियाँ कुपोषण के सबसे प्रमुख कारण हैं।
- भारत में 6 से 23 महीने के कुल बच्चों में से मात्र 6 प्रतिशत बच्चों को न्यूनतम स्वीकार्य आहार मिल पाता है।
- अशिक्षा और गरीबी के चलते भारतीयों के भोजन में आवश्यक पोषक तत्त्वों की कमी हो जाती है
- पारिवारिक खाद्य असुरक्षा तथा जागरूकता की कमी भी एक बड़ा कारण माना जा सकता है।
- देश में स्वास्थ्य सेवाओं की अनुपलब्धता
- कुपोषण का बड़ा कारण लैंगिक असमानता भी है।
- भारतीय महिला के निम्न सामाजिक स्तर के कारण उसके भोजन की मात्रा और गुणवत्ता में पुरुष के भोजन की अपेक्षा कहीं अधिक अंतर होता है।
- स्वच्छ पेयजल की अनुपलब्धता तथा गंदगी भी कुपोषण का एक बहुत बड़ा कारण है।
सरकारी प्रयास-
- राष्ट्रीय पोषण मिशन
- समन्वित बाल विकास योजना
- मध्याह्न भोजन योजना