3 marker mppsc इतिहास वैदिक काल

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July 29, 2021 0 By rakeshuikey098

3 marker mppsc इतिहास वैदिक काल

3 marker mppsc मुख्य परीक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है 3 मार्कर mppsc इतिहास वैदिक काल के कुछ महत्वपूर्ण 3 मार्कर यह दिए जा रहे है –

3 marker mppsc इतिहास वैदिक काल

  • ऋग्वेद
  • यजुर्वेद
  • सामवेद
  • अथर्ववेद
  • ब्राह्मण
  • आरण्यक
  • वेदांग
  • पुराण
  • मुद्राराक्षस
  • इंडिका

3 marker mppsc इतिहास वैदिक काल

वेद

  • प्राचीन भारतीय इतिहास को जानने का प्रमुख साहित्यिक स्त्रोत है
  • प्राचीन आर्यो के सामाजिक आर्थिक जीवन की जानकारी मिलती है
  • वेद  चार है -ऋग्वेद ,यजुर्वेद ,सामवेद, अथर्ववेद।

ऋग्वेद

  • यह सबसे प्राचीनतम वेद है जो ऋचाओं से बद्ध है
  • इसमें १० मंडल ,१०२८ सूक्त ,१०५८० ऋचाये है
  • अग्नि, वायु, वरुण, इन्द्र, विश्वदेव, मरुत, प्रजापति, सूर्य, उषा, पूषा, रुद्र, सविता आदि कल्पित देवताओं को समर्पित हैं।
  • पढ़ने वाले को  ‘होतृ’ कहते है।

यजुर्वेद

  • इसमें मुख्यत: यज्ञ के विधान, प्रक्रिया एवं यज्ञ के माध्यम से विभिन्न देवताओं की आराधना का विवरण है।
  • यह वेद गद्य व  पद्य दोनों   में रचित है।
  • मंत्रो के उच्चारण करने वाले को अध्वर्यु कहते है

सामवेद

  • यह यज्ञो के समय गाये जाने वाले मंत्रो का संग्रह है
  • भारतीय संगीत का जनक कहा  जाता है
  • कुल  1875  ऋचाये है
  • मंत्रो के गाने वाला को उद्गाता  कहते है

अथर्ववेद

  • रचना अथर्व और अगरिस ऋषि द्वारा
  • 731 सूक्त ,२० अध्याय ,६००० मंत्र है
  • रोग निवारण या रोगमुक्ति हेतु उपचार मंत्र, जादू टोना ,तंत्र-मंत्र आदि का वर्णन है

ब्राह्मण

  • इनकी रचना वेदो के बाद की गई
  • वेदो की व्याख्या करने के लिए इनकी रचना की गई है इशलिये प्रत्येक वेदो के अलग अलग ब्राह्मण ग्रन्थ रचे गए है।
  • सामवेद का महत्वपूर्ण  ब्राह्मण  ग्रन्थ पंचविश है

आरण्यक

  • इनकी रचना ब्राह्मण ग्रन्थ के बाद की गई।
  • आरण्यक में आध्यात्मिक  और दार्शनिक  बातों का उल्लेख किया गया है।

वेदांग

  • वेदो को समझने के लिए वेदांगो की रचना की गई है
  • यह 6 है -शिक्षा ,ज्योतिष कल्प, व्याकरण ,निरुक्त,छंद ,

पुराण

  • प्राचीन इतिहास का क्रमबद्ध विवरण है ,प्राचीन काल से गुप्तकाल तक की घटनाओं की जांनकारी है। इसकी संख्या 18 है।
  • इसकी रचना एवं संकलनकर्ता लोमहर्ष और उग्रस्रवा है
  • सबसे पुराना पुराण मत्स्यपुराण है।

मुद्राराक्षस

  • संस्कृत का ऐतिहासिक नाटक है जिसके रचयिता विशाखदत्त हैं।इसमें मौर्य काल की पर्याप्त जानकारी मिलती है।
  • मुद्राराक्षस को हिंदी में अनुवाद भारतेन्दु  हरिश्चन्द्र ने किया।

इंडिका

  • मेगस्थनीज द्वारा रचित रचना जिसमे मौर्यकालीन समाज का वर्णन मिलता है
  • यह भी वर्णन मिलता है की टैक्सचोरी करने पर मृत्युदंड का प्रावधान था .

स्त्रोत :- विकिपीडिया


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