3 marker mppsc इतिहास वैदिक काल
3 marker mppsc मुख्य परीक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है 3 मार्कर mppsc इतिहास वैदिक काल के कुछ महत्वपूर्ण 3 मार्कर यह दिए जा रहे है –
3 marker mppsc इतिहास वैदिक काल
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
- ब्राह्मण
- आरण्यक
- वेदांग
- पुराण
- मुद्राराक्षस
- इंडिका
3 marker mppsc इतिहास वैदिक काल
वेद
- प्राचीन भारतीय इतिहास को जानने का प्रमुख साहित्यिक स्त्रोत है
- प्राचीन आर्यो के सामाजिक आर्थिक जीवन की जानकारी मिलती है
- वेद चार है -ऋग्वेद ,यजुर्वेद ,सामवेद, अथर्ववेद।
ऋग्वेद
- यह सबसे प्राचीनतम वेद है जो ऋचाओं से बद्ध है
- इसमें १० मंडल ,१०२८ सूक्त ,१०५८० ऋचाये है
- अग्नि, वायु, वरुण, इन्द्र, विश्वदेव, मरुत, प्रजापति, सूर्य, उषा, पूषा, रुद्र, सविता आदि कल्पित देवताओं को समर्पित हैं।
- पढ़ने वाले को ‘होतृ’ कहते है।
यजुर्वेद
- इसमें मुख्यत: यज्ञ के विधान, प्रक्रिया एवं यज्ञ के माध्यम से विभिन्न देवताओं की आराधना का विवरण है।
- यह वेद गद्य व पद्य दोनों में रचित है।
- मंत्रो के उच्चारण करने वाले को अध्वर्यु कहते है
सामवेद
- यह यज्ञो के समय गाये जाने वाले मंत्रो का संग्रह है
- भारतीय संगीत का जनक कहा जाता है
- कुल 1875 ऋचाये है
- मंत्रो के गाने वाला को उद्गाता कहते है
अथर्ववेद
- रचना अथर्व और अगरिस ऋषि द्वारा
- 731 सूक्त ,२० अध्याय ,६००० मंत्र है
- रोग निवारण या रोगमुक्ति हेतु उपचार मंत्र, जादू टोना ,तंत्र-मंत्र आदि का वर्णन है
ब्राह्मण
- इनकी रचना वेदो के बाद की गई
- वेदो की व्याख्या करने के लिए इनकी रचना की गई है इशलिये प्रत्येक वेदो के अलग अलग ब्राह्मण ग्रन्थ रचे गए है।
- सामवेद का महत्वपूर्ण ब्राह्मण ग्रन्थ पंचविश है
आरण्यक
- इनकी रचना ब्राह्मण ग्रन्थ के बाद की गई।
- आरण्यक में आध्यात्मिक और दार्शनिक बातों का उल्लेख किया गया है।
वेदांग
- वेदो को समझने के लिए वेदांगो की रचना की गई है
- यह 6 है -शिक्षा ,ज्योतिष कल्प, व्याकरण ,निरुक्त,छंद ,
पुराण
- प्राचीन इतिहास का क्रमबद्ध विवरण है ,प्राचीन काल से गुप्तकाल तक की घटनाओं की जांनकारी है। इसकी संख्या 18 है।
- इसकी रचना एवं संकलनकर्ता लोमहर्ष और उग्रस्रवा है
- सबसे पुराना पुराण मत्स्यपुराण है।
मुद्राराक्षस
- संस्कृत का ऐतिहासिक नाटक है जिसके रचयिता विशाखदत्त हैं।इसमें मौर्य काल की पर्याप्त जानकारी मिलती है।
- मुद्राराक्षस को हिंदी में अनुवाद भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने किया।
इंडिका
- मेगस्थनीज द्वारा रचित रचना जिसमे मौर्यकालीन समाज का वर्णन मिलता है
- यह भी वर्णन मिलता है की टैक्सचोरी करने पर मृत्युदंड का प्रावधान था .
स्त्रोत :- विकिपीडिया
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