मध्यप्रदेश की प्रमुख रियासतें -2
August 22, 2021MPPSC मैन्स पेपर 1 इकाई -5 मध्यप्रदेश की प्रमुख रियासतें : गोंडवाना , बुन्देली ,बघेली , होलकर , सिंधिया , एवं भोपाल रियासत
मध्यप्रदेश की प्रमुख रियासतें -1 जिसमें हमने गोंडवाना और होल्कर रियासत के बारे में पढ़ा था, इस पोस्ट में सिंधिया , भोपाल रियासत के बारे में देखेंगे .
मध्यप्रदेश की प्रमुख रियासतें : गोंडवाना , बुन्देली ,बघेली , होलकर , सिंधिया , एवं भोपाल रियासत टॉपिक से 3 MARKER के प्रश्न और 5 5 मार्कर के प्रश्न बनते है. 11 अंक के प्रश्न की सम्भावना कम है ,
मध्यप्रदेश की प्रमुख रियासतें
भोपाल रियासत
भोपाल रियासत का इतिहास गोंड राजाओ से जुड़ा है 14 वीं शताब्दी की शुरुआत में योरदम नामक एक गोंड योद्धा ने गढ़ा मंडला में अपने मुख्यालय के साथ गोंड साम्राज्य की स्थापना की। गोंड वंश में मदन शाह, गोरखदास, अर्जुनदास और संग्राम शाह जैसे कई शक्तिशाली राजा थे। मालवा में मुगल आक्रमण के दौरान भोपाल राज्य के साथ क्षेत्र का एक बड़ा क्षेत्र गोंड साम्राज्य के कब्जे में था। इन प्रदेशों को चकलाओं के रूप में जाना जाता था जिनमें से चकला गिन्नौर 750 गांवों में से एक था। भोपाल इसका एक हिस्सा था। गोंड राजा निज़ाम शाह इस क्षेत्र का शासक था।
भोपाल रियासत 18वीं शताब्दी के भारत में एक सहायक राज्य बन गया था . ब्रिटिश भारत में एक रियासत के रूप में 1818 से 1947 तक और 1947 से 1949 तक एक स्वतंत्र राज्य था ,भोपाल राज्य को 1 जून 1949 में भारत संघ में मिला दिया गया था।
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भोपाल रियासत की स्थापना
भोपाल रियासत की स्थापना का श्रेय दोस्त मोहम्मद खान को जाता है , यह मुग़ल सेना में अफगान सैनिक था , मुग़लो के कमजोर होते ही इसने मालवा और अन्य रियासतों ,स्थानीय सरदारों को अपनी सेवाए देना प्रारंभ किया , दोस्त मोहम्मद खान एक चतुर और चालाक अफगान सरदार थे, जिन्होंने छोटी रियासतों का अधिग्रहण शुरू किया।
भोपाल गोंड शासक निजाम शाह के साम्राज्य का हिस्सा था निजाम की म्रत्यु के बाद रानी कमलावती शासिका बनी , जिसने राज्य के प्रबंधन के लिए दोस्त खा से समझोता किया .
रानी कमलावती की मृत्यु के बाद। दोस्त मोहम्मद खान ने गिन्नोर के किले को जब्त कर लिया, विद्रोहियों पर अंकुश लगा दिया, बाकियों पर उनके नियंत्रण के हिसाब से अनुदान दिया और उनकी कृतज्ञता अर्जित की। मालवा में कई क्षेत्रों को अपने राज्य में मिला लिया।
उसने मंगलगढ़ की राजपूत रियासत उनकी महिला शासकों की मृत्यु के बाद वहां शासन किया. 1720 के दशक की शुरुआत में, खान ने भोपाल शहर को एक गढ़वाले शहर में स्थापित किया और नवाब की उपाधि धारण की।
भोपाल के अतिरिक्त प्रमुख नगर इस्लामनगर था जो चौहानों से छिना गया था पहले इसका नाम जगदीशपुर था , 1728 में खान की मृत्यु के बाद, भोपाल राज्य ओरकजई वंश के प्रभाव में रहा। 1949 ई तक भोपाल में नवाबी शासन रहा . जिसकी सूची नीचे दी गई है .
भारत के स्वतंत्र होने बाद वर्ष 1948 में भोपाल राज्य की भारत में विलय की मांग उठने लगी , सरदार पटेल के हस्तक्षेप से , नवाब हमीदुल्लाह खां ने विवश होकर विलय समझौते पर हस्ताक्षर कियें ( 30 जून 1948 )। भोपाल 1 जून 1949 को भारत में सम्मिलित हो गया।
भोपाल रियासत के शासकों की सूची
- नवाब दोस्त मुहम्मद खान (1723-1728)
- नवाब यार मुहम्मद खान (1728-1742)
- नवाब फैज़ मुहम्मद खान (1742-1777)
- नवाब हयात मुहम्मद खान (1777-1807)
- नवाब ग़ौस मुहम्मद खान (1807-1826)
- नवाब वज़ीर मुहम्मद खान- (1807-1816)
- नवाब नज़र मुहम्मद खान – (1816-1819)
- नवाब सुल्तान कुदसिया बेगम – (1819-1937)
- नवाब जहाँगीर मुहम्मद खान – (1837-1844)
- नवाब सिकंदर जहाँ बेगम (1860-1868)
- नवाब सुल्तान शाहजहाँ बेगम (1844-1860 और 1868-1901)
- कखोरो जहान बेगम भोपाल (1901-1926)
- नवाब हमीदुल्ला खान (1926-1949)
भोपाल रियासत की बेगम शासिका
नवाब सुल्तान कुदसिया बेगम | 1819-1937 |
नवाब सिकंदर जहाँ बेगम | 1860-1868 |
नवाब सुल्तान शाहजहाँ बेगम | 1844-1860 और 1868-1901 |
कखोरो जहान बेगम भोपाल | 1901-1926 |
स्वतंत्रता के बाद भोपाल
15 अगस्त 1947 को भारत आज़ाद हुआ , भोपाल में उस समय नवाब हमीदुल्ला खान का शासन था वह चाहता था की उसका राज्य स्वतंत्र रहे , किन्तु 1948 में भोपाल में भारत में विलय के लिए आन्दोलन होने लगे , स्थिति को देखते हुए भारत के एकीकरण के कराया क्रम में सरदार पटेल ने अपनी सुझबुझ से नवाब से विलय पत्र पर हस्ताक्षर करवा लिए, और भोपाल 1 जून 1949 को भारत का अंग बन गया .
- भारत सरकार ने भोपाल को पार्ट C घोषित किया , N B बनर्जी मुख्य आयुक्त हुए ,
- 1952 में भोपाल में चुनाव हुए , भोपाल विधान सभ में कुल 30 सीटें थी जिसमे 5 सीटें अरक्षित थी
- निर्वाचन के बाद राज्य की बागड़ोर शंकर दयाल शर्मा में संभाली वे राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बनें ,
भोपाल जिला का इतिहास
भोपाल राज्य रायसेन और सीहोर जिलो से मिलकर बना था , भोपाल एक तहसील था , 13 सितम्बर 1972 को भोपाल सीहोर जिले से अलग होकर जिला बन गया . भोपाल मध्यप्रदेश राज्य की राजधानी है .
भोपाल शब्द की व्युत्पत्ति अपने पूर्व नाम भोजपाल से की गई है क्योंकि यह स्पष्ट रूप से मध्य भारत के शाही राजपत्र, 1908 पी .240 से लिया गया है |
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