ईकाईया एवं मापन। मात्रक एवं मापन। Units and Measurement। 3 marker mppsc
January 24, 2022तृतीय प्रश्न पत्र ईकाई 1 – units and Measurement, Example from dailylife. इकाइयाँ और मापन, दैनिक जीवन से उदाहरण।
मात्रक एवं मापन । ईकाईया एवं मापन (ईकाई 1) में 3 नंबर के (अति लघुउत्तरीय ) प्रश्न ही बनेंगे ,5 नंबर के प्रश्न मेे अंतर पूछा जा सकता है।
units and Measurement, Example from dailylife. इकाइयाँ और मापन, दैनिक जीवन से उदाहरण।
मात्रक और मापन से संबंधित प्रश्न
मात्रक से आप क्या समझते हो :-
भौतिक राशि के मापन के लिए नियत किये गए मान को मात्रक कहते है।”
मानक मात्रक किसे कहते हैं (Standard Unit) :-
“किसी भौतिक राशि के निश्चित वास्तविक मूर्त रूप को उस राशि का मानक मात्रक कहते है।”
भौतिक राशि का मात्रक उसके आंकिक मान के व्युतक्रमानुपाती होता है।
अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति SI
सभी भौतिक राशियों को व्यक्त करने के लिए एक पद्धति अपनायी गयी है जिसे मूल मात्रकों की अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति SI मात्रक कहा जाता है।
मूल मात्रक क्या है (Fundamental Units)
मूल मात्रक वे मात्रक हैं, जो अन्य मात्रकों से स्वतन्त्र होते हैं अर्थात् उनको एक दूसरे से सम्बन्धित अथवा आपस में बदला नहीं जा सकता है। उदाहरण के लिए लम्बाई, समय और द्रव्यमान के लिए मीटर, सेकेण्ड और किलोग्राम का प्रयोग किया जाता है।
मूल मात्रकों की परिभाषा
1मीटर (metre) :-
एक मीटर वह दूरी है जिसमें Kr86 से उत्सर्जित नारंगी लाल प्रकाश कि 16,50,763,73 तरंगे निर्वात में स्थित होती है एवं दूसरे शब्दों में 1 मीटर वह दूरी है जो प्रकाश निर्वात में 1/299,792,458 सेकण्ड में तय करता हैं।
2. किलोग्राम (Kilogram) :-
एक किलोग्राम अन्तर्राष्ट्रीय भार तथा माप संस्था पेरिस में रखे प्लेटिनम – इरेडियम के एक विशेष बेलन के द्रव्यमान के बराबर होता है।
3. सेकण्ड (Second) :-
एक सेकण्ड वह समय है जिसमें सीजियम परमाणु, परमाणुक घड़ी में 9,192,631,770 बार कम्पन करता है। परमाणु घड़ियां इस परिभाषा पर आधारित होती हैं वे समय का यथार्थ मापन करती है और इनमें केवल 5000 वर्षों में एक सेकण्ड की त्रुटि हो सकती है।
4. एम्पियर (Ampere) :-
एक एम्पियर वह विद्युत धारा है जो निर्वात में 1 मीटर की दूरी पर रखे दो सीधे, समानतर, अनन्त लंबाई व नगण्य वृताकार परिच्छेद वाले तारो में प्रवाहित होने पर उनके मध्य प्रतिमिटर लंबाई पर 2×10-7 N/m बल उत्पन्न करती है।
5. केल्विन (Kelvin) :-
1 केल्विन सामान्य वायुमंडलीय दाब पर जल के कवथनाक व बर्फ के गलनांक के अंतर का 1/100 वा भाग होता है।
6. केंडेला (Candela) :-
एक कैंडेला कृष्णिका के तल के लंबवत दिशा में उसके 1/60000 मी2 क्षेत्रफल की प्रदीपन तीव्रता है जबकि कृष्णिका का दाब 100,325 N/m2 तथा ताप प्लेटिनम के गलनांक के बराबर होता है।
माप-तौल की कुछ अन्य पद्धतियां
(1) एम० के० एस० पद्धति (M.K.S. Sysem)- इस पद्धति में लम्बाई (दूरी) का मात्रक ‘मीटर’, द्रव्यमान का मात्रक ‘किग्रा०’ व समय का मात्रक ‘सेकेण्ड’ होता है।
(2) सी० जी० एस० पद्धति (C.G.S. System)– इस पद्धति में लम्बाई(दूरी) का मात्रक ‘सेंटीमीटर’, द्रव्यमान का मात्रक ‘ग्राम’ व समय का मात्रक ‘सेकेण्ड’ होता है।
(3) एफ० पी० एस० पद्धति (F.P.S. System) – इस पद्धति में लम्बाई (दूरी) का मात्रक ‘फुट’, द्रव्यमान का मात्रक ‘पाउण्ड’ व समय का मात्रक ‘सेकेण्ड’ होता है। इसे ब्रिटिश पद्धति भी कहते हैं।
प्रकाश वर्ष (Light year)-
प्रकाश द्वारा एक वर्ष में तय की गई दूरी को एक प्रकाश वर्ष कहते हैं। अतः प्रकाशवर्ष, दूरी का मात्रक है। प्रकाश द्वारा निर्वात में 1 वर्ष में चली गई दूरी 9.46 x 10¹⁵ मीटर होती है, अर्थात
1 प्रकाश वर्ष = 9.46 x 10¹⁵ मीटर
खगोलीय इकाई (Astronomical unit)-
सूर्य व पृथ्वी के बीच की औसत दूरी को एक खगोलीय इकाई कहते हैं। पृथ्वी और सूर्य के बीच औसत दूरी 1.496 x 10¹¹ मीटर होती है, अर्थात् 1 खगोलीय इकाई = 1.496 x 10¹¹ मीटर
पारसेक (Parsec )-
पारसेक ‘Parallactic second’ का संक्षिप्त रूप है। यह दूरी का मात्रक है। यह 1 सेकेण्ड चाप का लम्बन प्रदर्शित करता है।
1 पारसेक = 3 x 101% मीटर
विद्युत धारा का मात्रक-
विद्युत धारा का मात्रक ऐम्पियर है। ऐम्पियर वह विद्युत धारा है जो निर्वात में मीटर की दूरी पर स्थित दो सीधे, लम्बे व समान्तर तारों में प्रवाहित होने पर, प्रत्येक तार की प्रति मीटर लम्बाई पर तारों के बीच 2 x 10⁷न्यूटन का बल उत्पन्न करती है।
ज्योति तीव्रता का मात्रक
इसका मात्रक केन्डिला है। मानक स्रोत के खुले मुख के सेमी क्षेत्रफल की ज्योति तीव्रता का 1/60वां भाग एक केन्डिला कहलाता 1 दूरी को है जबकि स्रोत का ताप प्लेटिनम के गलनांक के बराबर हो।
वियुत्पन्न मात्रक-
एक अथवा एक से अधिक मूल मात्रकों पर उपयुक्त घातें लगाकर प्राप्त किये गये मात्रक को व्युत्पन्न मात्रक कहते हैं, अर्थात् व्युत्पन्न मात्रक मूल मात्रकों पर निर्भर करते हैं।
कुछ व्युत्पन्न मात्रक निम्नलिखित हैं
1. क्षेत्रफल लम्बाई x चौड़ाई = क्षेत्रफल का मात्रक मीटर x मीटर मीटर
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